आखिर क्यों नरेंद्र मोदी को देश तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहता है...

 


प्रभात झा

(पूर्व सांसद एवं पूर्व भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष)

                21 अक्टूबर 1951 को जनसंघ की स्थापना हुई थीl 1952 में पहला आम चुनाव हुआ था और उस चुनाव में जनसंघ के तीन लोग जीते थेl कोलकाता दक्षिण पूर्व सीट से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मिदनापुर-झारग्राम सीट से दुर्गा चरण बनर्जी और चित्तौड़, राजस्थान से उमाशंकर त्रिवेदी। जनसंघ के घोषणापत्र में मुख्यतः दो मुद्दे थे-देश में समान नागरिक संहिता लागू करना तथा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म करनाl चुनाव के बाद उस समय भी एनडीए बना तथा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी प्रतिपक्ष के नेता बनेl संसद में अपने भाषण में उन्होंनें धारा 370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की। अगस्त 1952 में जम्मू कश्मीर की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि ‘या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊंगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये अपना जीवन बलिदान कर दूंगा’। डॉ. मुखर्जी अपने संकल्प को पूरा करने के लिये 1953 में बिना परमिट लिये जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े। परमिट का नियम तोड़ते हुए उन्होंने हजारों प्रदर्शनकारियों के साथ 11 मई 1953 को जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने का निर्णय किया। जम्मू में प्रवेश करते ही तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के तानाशाही रवैये के कारण वहां की तत्कालीन शेख अब्दुल्ला सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 23 जून 1953 को जेल में रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। लेकिन जेल में उनकी मृत्यु ने देश को हिलाकर रख दिया और परमिट सिस्टम भी समाप्त हो गया।  

                    जनसंघ का कारवां आगे बढ़ता गयाl 1957 के आम चुनाव में जनसंघ को 4 सीटें मिली, 1962 में 14, 1967 में  35 और 1971 में 22 सीटें मिलीl 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू कर दियाl आपातकाल का जनसंघ ने खुलकर विरोध कियाl जनसंघ से जुड़े सभी नेताओं को इसके लिए जेल जाना पड़ा और यातनाएं सहनी पड़ीl इसमें सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक भी प्रमुखता से शामिल थे l 1977 में जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हुआ लेकिन 'दोहरी सदस्यता'( राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्य्ता) को लेकर जनसघ के नेताओं ने जनता पार्टी से रिश्ता समाप्त कर नए राजनीतिक पार्टी के गठन का निर्णय लियाl भारत को एक समर्थ राष्ट्र बनाने और पंच निष्ठाओं(राष्ट्रवाद, लोकतंत्र, सामाजिक और आर्थिक विषय पर गांधीवादी दृष्टिकोण,सकारात्मक पंथनिरपेक्षता और मूल्यों पर आधारित राजनीति) के आधार पर 6 अप्रैल, 1980 को अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई। अपनी स्थापना के साथ ही पार्टी ने अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं लोकहित के विषयों पर मुखर रहते हुए भारतीय लोकतंत्र में अपनी सशक्त भागीदारी दर्ज की तथा भारतीय राजनीति को नए आयाम दिए।

                    1984 का आम चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए पहला आम चुनाव था जिसमें पार्टी को 2 सीटें मिलीl गुजरात की मेहसाणा से अशोक पटेल और आंध्र प्रदेश की हनमकोंडा सीट से जंगा रेड्डीl 1986 में लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और जून 1989 के पालमपुर अधिवेशन में पहली बार अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण का प्रस्ताव पारित किया गयाl राममंदिर निर्माण को भारतीय जनता पार्टी ने अपने मुख्य राजनीतिक एजेंडे में रखा और अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल कियाl 1989 के आम चुनाव में 2 सीटों से बढ़कर भारतीय जनता पार्टी 85 सांसदों वाली पार्टी बन गईl मार्च 1990 में एक साथ भारतीय जनता पार्टी की तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में सरकार बनीl भैरोंसिंह शेखावत राजस्थान, सुंदर लाल पटवा मध्य प्रदेश और शांता कुमार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेl  यह पहली बार था जब भारतीय जनता पार्टी का किसी भी राज्य में अपना मुख्यमंत्री बना थाl 

              25 सितंबर 1990 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर लालकृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक के लिए राम रथ यात्रा शुरू कीl राम मंदिर के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के विचार को लेकर भारतीय जनता पार्टी भारत के घर-घर पहुंचीl 1991 में पार्टी के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी बने और 1991 के आम चुनाव में पार्टी की लोक सभा में सीटों की संख्या बढ़कर 85 से 120 पहुंच गईl 1996, 1998 और 1999 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरीl अटल बिहारी वाजपेयी पहले 13 दिन फिर 13 माह के लिए प्रधानमंत्री बने और इसके बाद एक बार फिर साढ़े चार साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे और देश के विकास को नई दिशा दीl भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं होने के कारण भले ही अटल बिहारी वाजपेयी अपनी विचारधारा के संकल्पों को साकार नहीं कर पाए, लेकिन एक समर्थ भारत का निर्माण कर बहुमत मिलने पर संकल्पों को साकार करने का आश्वासन देश को उन्होंने जरूर दियाl 2004 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार आई, लेकिन 10 वर्षों में ‘भ्रष्ट, कमजोर और पॉलिसी पैरालिसिस’ उस सरकार की पहचान बन गईl देश की जनता ने संकल्प लिया और भारतीय लोकतंत्र ने एक सुनहरे भविष्य के लिए करवट लियाl   

                           12 वर्ष गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने देश और दुनिया को एक ऐसा विकास मॉडल दिया जिसे 'गुजरात का विकास मॉडल' के रूप में जाना जाने लगाl भारत के जनमानस और भारतीय जनता पार्टी ने उनमें भविष्य के भारत को देखाl 2013 के गोवा अधिवेशन में भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने नरेंद्र मोदी को 2014 के लोक सभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी चुनाव अभियान का प्रमुख बनाने की घोषणा कीl बाद में उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित किया गयाl 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 282 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत मिलाl देश की जनता द्वारा इतिहास रचा गयाl नरेंद्र मोदी पहली बार पूर्ण बहुमत वाली  गैर-कांग्रेसी किसी पार्टी के प्रधानमंत्री बनेl इसके बाद पार्टी की एक के बाद एक कई राज्यों में सरकार बनती गईंl मार्च 2018 तक बीजेपी 21 राज्यों तक पहुंच चुकी थीl  2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 2014 से भी बड़ी और ऐतिहासिक जीत हासिल कीl इस चुनाव में पार्टी ने 303 सीटें जीतीं और यह पहली बार था जब किसी गैर-कांग्रेसी पार्टी को दूसरी बार बहुमत मिला थाl

                           दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने जनसंघ के जमाने से घोषणा पत्र में शामिल और देश की जनता से किये गए सभी वादों को पूरा कियाl अपने दूसरे कार्यकाल के पहले संसद सत्र में में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2019 को धारा 370 समाप्त कर दिया। इसी मानसून सत्र में ही समान नागरिक संहिता की दिशा में कदम आगे बढ़ाया गयाl उसी तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाया गया और मुस्लिम माताओं-बहनों को इस काले कानून से मुक्ति दिलाई। नागरिकता संशोधन कानून-2019 को लागू किया गयाl एक तरह से महात्मा गांधी के विचार को साकार किया गयाl अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआl 22 जनवरी, 2024 को भारतीय जनता पार्टी ने अपना वादा पूरा किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। आज देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन राम लला का दर्शन करने आ रहे हैंl नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में भी आगे बढ़ रही  हैl उत्तराखंड की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू कर इतिहास बना दिया है।

                         भारतीय जनता पार्टी पर पहले आरोप लगता था कि पार्टी सरकार नहीं चला पातीl आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में पूर्ण बहुमत की भाजपा की सरकार है और कई राज्यों में भाजपा की सरकार विकास और जन कल्याण के नए-नए आयाम गढ़ रहे हैंl देश की राजनीतिक संस्कृति बदल गई हैl देश और देश का जन मानस आज मोदी की गारंटी पर विश्वास है और उन्हें तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने संकल्प के नाम पर आगे बढ़ रहा हैl शोषणमुक्त और समतायुक्त समाज की स्थापना के साथ आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण को संकल्पित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनने जा रही हैl स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला लोक सभा का चुनाव है जब देश ही नहीं पूरे विश्व ने यह मान लिया है कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैंl जिसका परिणाम पहले से ही तय हो गया है, यह भाजपा नहीं देश की 140 करोड़ जनता कह रही हैl मोदी की गारंटी ने देश के विश्वास को जितने का काम किया हैl  

                      पिछले 10 वर्षों में  देश के 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर लाया गया हैl नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले भारत 11 वें नंबर की अर्थव्यवस्था थीl ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे छोड़ भारत आज दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर तेजी से अग्रसर है। मनमोहन सिंह की यूपीए की सरकार के समय 2013-14 में देश का बजट 16.65 लाख करोड़ था, जो कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बढ़कर 2024-25 में 50 लाख करोड़ हो गया है। 50 करोड़ से अधिक गरीबों के जन-धन खाते खुलवाए गए हैं, स्वच्छता अभियान के तहत 11 करोड़ परिवारों के लिए शौचालय बनवाए गए हैं, पीएम आवास योजना के तहत 4 करोड़ गरीब को पक्के घर प्रदान किए गए हैं, जिनमें से अधिकतर लाभार्थी समाज के वंचित वर्ग से हैं। पीएम आवास योजना के तहत ज्यादतर मकान महिलाओं के नाम पर पंजीकृत हैं। जल जीवन मिशन योजना के माध्यम से देश के 14.45 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल से जलापूर्ति की गई है। आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को 5 लाख की मुफ्त चिकित्सा सुविधा दी गई हैl इस योजना के दायरे में 70 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों लाये जाने की घोषणा की गई हैl प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से देश के करीब 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। उज्ज्वला योजना के तहत 11 करोड़ से अधिक महिलाओं को गैस सिलिन्डर प्रदान कर, उनके जीवन को धुआं मुक्त बनाया गया है। वहीं विशेषकर ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। नारी वंदन अधिनियम लाकर लोक सभा और विधान सभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया गयाl

                स्टार्टअप और स्टैंडअप योजना के तहत करोड़ों युवाओं को रोजगार मिला हैl रोजगार की तलाश करने वाले आज रोजगार देने वाले बन रहे हैंl स्किल इंडिया के तहत करोड़ों युवाओं का कौशल विकास किया गया है, और इस प्रकार लाखों परिवार का आर्थिक सशक्तिकरण हुआ हैl करोड़ों लोगों को उद्यमी बनाने का काम मुद्रा योजना ने किया है और इसकी सफलता को देखते मुद्रा लोन की राशि को 10 लाख से 20 लाख किये जाने की घोषणा की गई हैl पीएम स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी चलाने वालों को ब्याजमुक्त लोन देकर उनके चिंता की गई हैl 36 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से लोगों के खाते में  भेजे गए हैंl वित्तीय समावेशन का यह दुनिया में मिसालहैl यह अभियान जन धन खाता खोले जाने से ही संभव हो पाया हैl यह सब पहले भी हो सकता थाl लेकिन इनकी चिंता देश में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है, भारतीय जनता पार्टी सरकार ने की हैl 

              प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के 10 करोड़ से अधिक छोटे और सीमान्त किसानों को आर्थिक सहायता दी जा रही हैl किसानों की आय दोगुनी करने और स्वामीनाथन आयोग के सुझावों के अनुरूप उनके उपज को उचित मूल्य मिले, इसके लगातार प्रयास किये जा रहे हैंl पिछले 10 वर्षों में, लगभग 18 लाख करोड़ रुपए एमएसपी के रूप में धान और गेहूं की खेती करने वाले किसानों को मिले हैं। जो यूपीए सरकार के 10 सालों की तुलना में ढाई गुना अधिक है। गांवों में पौने 4 लाख किलोमीटर नई सड़कें बनीं हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 1300 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प हो रहा है। वंदे भारत और बुलेट ट्रेन चलाये गए हैंl  पिछले 10 वर्षों में, देश में नेशनल हाईवे की लंबाई, 90 हजार किलोमीटर से बढ़कर 1 लाख 46 हजार किलोमीटर हो गई है, फोर-लेन नेशनल हाईवे की लंबाई ढाई गुना बढ़ी है। देश में एयरपोर्ट्स की संख्या 74 से दोगुनी बढ़कर 149 हो गई है। शहरों के ट्रांसपोर्ट में कई क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं। 2014 तक सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो कनेक्टिविटी थी, अब देश के 18 शहरों में मेट्रो की सुविधा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, हर हफ्ते एक नए विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया जाता है, और पिछले एक दशक से प्रतिदिन दो नए कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, हर दिन औसतन 55 पेटेंट पंजीकृत होते हैं, जिससे नवाचार और प्रगति को बढ़ावा मिलता है। देश आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा हैl                 

               प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के विकास के साथ-साथ विरासत के संरक्षण और संवर्धन की भी चिंता की गई हैl देश एक प्रकार से आज सांस्कृतिक पुनर्जागरण के काल में हैl अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, उज्जैन में महाकाल लोक, केदारनाथ सौंदर्यीकरण, चार धाम परियोजना इसकी मिसाल हैंl अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, उज्जैन में महाकाल लोक, केदारनाथ सौंदर्यीकरण, चार धाम परियोजना इसकी मिसाल हैंl विदेशों से मूर्तियां वापस लाई गईंl अनेकों मंदिरों व विरासत स्थलों का जीर्णोद्धार हुआl नमामि गंगे योजना के तहत गंगा सहित अन्य नदियों को निर्मल किया गयाl चंद्रयान से गगणयान की यात्रा, विश्व में भारत का मस्तक ऊंचा हुआl प्रवासी भारतीयों को दोहरी नागरिकता दी गईl भारत के विकास में उनके मत्वपूर्ण योगदान को समझा गयाl दलित परिवार से आने वाले रामनाथ कोविंद और आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को सर्वोच्च संवैधानिक पद राष्ट्रपति के पद पर बैठाया गयाl

                  महात्मा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी पहले व्यक्ति हुए जिन्होंने स्वच्छता को जनांदोलन बना दियाl यही कारण है कि अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले उन्होंने मंदिरों के सफाई का जो जन आह्वान किया लोगों ने सर-आंखों पर लियाl पूरी दुनिया को आश्चर्य से भर दियाl सेवा और समर्पण का ऐसा उदाहरण इतिहास में दूसरा नहींl दीपावली के अवसर पर सरहद पर तैनात जवानों के बीच जाना और उनके साथ खुशियां मानाना, यह दुनिया में मिसाल हैl प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल सरहद के अलग अलग हिस्से में पहुंचकर जवानों के बीच उनका मनोबल बढ़ाते हैंl सैन्य ताकत को बढ़ाना, सेना को अत्याधुनिक सुविधाएं और साजो-सामान मुहैया कराई जाती हैl वन रैंक वन पेंशन हो, अग्निवीर योजना हो, सीमांत गांवों का विकास हो, देश की रक्षा शक्ति को मजबूत करने और मां भारती की सेवा में लगे जवानों के मान-सम्मान की बात हो, उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रही हैl देश की सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहींl पुलवामा में हुए आतंकी हमले के 13 वें दिन बालाकोट एयरस्ट्राइक द्वारा आतंवादियों की तेरहवीं कर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान ही नहीं दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया-जरूरत पड़ी तो घर में घुसकर मारेंगेl आतंकवाद और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति हैl  


               प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निडरता, निर्भीकता, कठोरता के प्रतीक तो हैं ही, साथ-साथ संवेदनशीलता, आत्मीयता और उदारता के भी प्रतीक हैंl जहां कठोरता की जरूरत है, कठोरता से काम लेते हैंl जहां संवेदनशीलता जरूरत है, संवेदनशीलता से काम लेते हैंl कोरोना के दौरान जिस प्रकार उन्होंने देश को भी संभाला और दुनिया की भी चिंता की, यह इस बात का प्रमाण हैl उन्होंने विश्व का जिस प्रकार नेतृत्व किया है, आज वैश्विक संकट के दौर में दुनिया उनकी तरफ देख रही हैl उनके नेतृत्व क्षमता पर पूरी दुनिया का विश्वास है और यह भारत के लिए, भारत वासियों के लिए गौरव की बात हैl मुस्लिम देश यूएई में मंदिर का निर्माण हो या फिर दुनिया के अनेकों देशों, जिनमें कई मुस्लिम देश शामिल हैं, द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया जाना, उनके करिश्माई व्यक्तित्व और वैश्विक नेतृत्व की स्वीकार्यता का प्रमाण हैl ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री उन्हें बॉस कहते हैं, तो अमेरिका के राष्ट्रपति विश्व मंचों पर उनसे मिलने के लिए बेताब रहते हैंl जी-20 का जिस प्रकार अभूतपूर्व रूप से भारत ने नेतृत्व किया, आज अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अमेरिका, इंग्लैंड और फ्रांस की नहीं, भारत की चर्चा होती हैl पूरी दुनिया भारत में वैश्विक भविष्य देख रहा हैl नरेंद्र मोदी देशवासियों से ठीक ही कहते हैं- 'यही समय है सही समय है'l   

                  न रुकना, न थकना और दीनदयाल जी के कहे वाक्य 'चरैवेति चरैवेति' की दिशा में निरंतर बढ़ते रहना  साथियों को  भी उसी दिशा में ले जाने की सतत कोशिश करना, यह भारत की राजनीति में असामान्य घटना हैl प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से कहा था 'मैं भारत का प्रधानमंत्री नहीं, आपका प्रधान सेवक हूंl सच में नरेंद्र मोदी ने अपने को प्रधान सेवक के रूप में स्थापित कियाl यह अप्रतिम है कि अपनी 100 वर्षीय मां को कंधा देने और अंत्येष्टि करने के बाद भी विराम नहीं किया और उसी समय गुजरात के राजभवन पहुंच राज-काज में लग गएl यह अदम्य साहस, अपरमित तेज और दूरदृष्टि सामान्य व्यक्ति के पास नहीं होतेl कहीं न कहीं ऐसे व्यक्ति पर ईश्वर की विशेष कृपा होती हैl

            दो चरणों के चुनाव हो चुके हैंl पहले चरण में 102 सीटें और दूसरे में 88, मतलब कुल 190 सीटों पर चुनाव हो चुके हैंl अभी पांच चरण बाकी हैl लेकिन दो चरणों में सामान्य से सामन्य लोगों ने विपक्ष का हाल बेहाल देखाl पहली बार विपक्ष नेतृत्व विहीन, नीति विहीन और नियत विहीन दिखाई दे रहाl वहीं भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए सौभाग्य का विषय है कि उसे भारत स्तरीय ही नहीं विश्व स्तरीय नेतृत्व के रूप में नरेंद्र मोदी मिले हैंl 14 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी ने जो संकल्प पत्र देश के समक्ष रखा है, भारत सुनहरे भविष्य की संकल्पना की गई हैl इसमें 2047 तक विकसित भारत के निर्माण की दृष्टि हैl वहीं कांग्रेस के घोषणा पत्र से साफ जाहिर होता है कि उनके वादे और इरादे ऐसे हैं जो स्पष्ट संकेत दे रहे हैं की न सत्ता में आएंगे और न वादा करने जैसी कोई स्थिति आएगीl 

                              जिस कांग्रेस ने देश में आपातकाल लगाया, फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर संविधान को समाप्त करने की बात कर रही हैl परिवारवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर देश को खोखला बनाने वाले और सामाजिक न्याय के नाम पर देश की जनता के साथ अन्याय करने वाले विपक्ष व इंडी गठबंधन के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार और आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाकर देश की जनता को गुमराह नहीं कर सकतेl नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक पार्टी और नेताओं पर लोगों के खोए हुए विश्वास की वापसी की हैl राजनीति के प्रति लोगों के कुविचार को सुविचार में बदला हैl नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का निर्णय देश के जनमानस ने बहुत पहले ले लिया थाl

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