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अदम्य साहस और शौर्य के प्रतीक डॉ. नरोत्तम मिश्रा -डॉ. दुर्गेश केसवानी
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लोकतंत्र में सत्ता का खेल बड़ा अजीब होता है। यहाँ बहुमत के खेल से ही सरकारें बनती है और सरकारें गिरती भी है। अपनी सरकार को बचाए रखना एक कुशल नेता के लिए सबसे बड़ी चुनौति होती है। बात हम मध्यप्रदेश के परिपेक्ष में करें तो यहाँ एक नेता सबकी नज़रों में रहता है। जो न सिर्फ लोकतांत्रिक प्रणाली को समझता है बल्कि संसदीय ज्ञान में भी उनका कोई सानी नहीं है। हम बात कर रहे है डॉ. नरोत्तम मिश्रा की, जिनकी गिनती लोकतांत्रिक प्रणाली का ज्ञान रखने वाले उन पंडितों में होता है जो मुश्किलों में फंसी सरकार के लिए हमेशा संकटमोचन का काम करते रहे है। डॉ. नरोत्तम मिश्रा की गिनती प्रदेश की राजनीति में अपनी एक अलग धमक रखने वाले नेता के रूप में होती है। नर सेवा को ही नारायण सेवा समझने वाले डॉ. नरोत्तम मिश्रा को ऐसे ही लोग अदम्य साहस और शौर्य का प्रतीक नहीं कहते है। जनता की सेवा में हमेशा तत्पर्य रहने वाले डॉ. नरोत्तम मिश्रा की वह तस्वीर कभी नहीं भुलाई जा सकती जब वह बाढ़ में फंसे लोगो को बचाने के लिए खुद ही अपने प्राणों की परवाह किए बिना बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में लोगों को बचाने के लिए उतर जाते है। बात पिछले साल अगस्
पश्चिम निमाड़ की खबरें विनीत जयसवाल, योगेश जायसवाल
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बमनाला .रामनवमी के उपलक्ष्य में श्री बजरंग मंदिर से एक भव्य शोभायात्रा भगवान श्रीराम की निकाली गई जो मेन बाजार से होते हुए श्रीराम मंदिर पहुंची. यहां यात्रा का स्वागत किया गया. पूजा आरती हुई. उसके बाद मेन रोड से होते हुए से सेल्दा फाटा श्रीराम तिराहे पर समापन हुआ. प्रसादी का वितरण किया गया. कार्यक्रम खराड़ी सुंदरकांड मंडल द्वारा किया गया. वहीं स्थानीय मेल आश्रम में भंडारे का आयोजन मेल आश्रम के महंत श्री बाबा हरनाम दास जी उदासीन खडे़श्वरी द्वारा किया गया. हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण कर मां दुर्गा का आशीर्वाद लिया. भीकनगांव . ईगरिया से ग्राम देवीत जाने वाले रास्ते की स्थिति काफी दयनीय है. आदिम जाति सेवा सहकारी समिति देवीत में इसी क्षेत्र से लोगों को खाद बीज भी ले जाना पड़ता है. बारिश में रोड खराब होने की स्थिति में बैल गाड़ियों को आने-जाने में काफी दिक्कत होती है. इसी मार्ग से झिरनिया जाया जाता है. अगर यह मार्ग ठीक हो जाता है तो लोगों को यहां से झिरनिया की दूरी 5 किलोमीटर कम हो जाएगी. यह क्षेत्र पूरी तरह से आदिवासी क्षेत्र हैं. खालसा साजना दिवस के उपलक्ष में विशेष कीर्तन दीव
रविवार को निकलेगी भव्य शोभायात्रा
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विनीत जायसवाल बमनाला खरगोन ब्यूरो. रविवार श्रीराम नवमी के उपलक्ष्य में श्री हनुमान मंदिर से एक भव्य श्रीराम जी की शोभायात्रा निकलेगी, जो मेन बाजार से होते हुए श्री राममंदिर आएगी. यहां से खरगोन रोड होते हुए सेल्दा फाटा श्रीराम तिराहा पर समापन होगा. समिति के राहुल राठौड़, घनश्याम मंडलोई, पुरुषोत्तम जायसवाल, कमलेश जायसवाल, प्रमोद चौधरी, विनोद श्रीवास, प्रमोद जायसवाल आदि समिति सदस्यों श्रीराम भक्तों ने अधिक से अधिक लोगों को श्रीराम शोभायात्रा में सम्मिलित होने का आह्वान किया है.
संकल्प-सिद्धि की पर्याय बनी भाजपा -विष्णुदत्त शर्मा
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स्थापना दिवस पर विशेष ---------------------------------------- स्वाधीनता के बाद 1951 में देश की दलीय राजनीति में राष्ट्रवादियों द्वारा एक 'दीया' जलाया गया था ताकि लोकतंत्र का उजाला राष्ट्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे। विदेशी दासता से मुक्ति के बाद डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में भारतीय जनसंघ की स्थापना का मूल उद्देश्य यही था। उसका चुनाव चिन्ह 'दीपक' था। यह अलग बात है कि उस दौर में स्वतंत्र भारत में कॉंग्रेस की स्वीकार्यता व्यापक थी और किसी भी नयी राजनीतिक विचारधारा के लिए राह कठिन थी। यही वजह है कि एक नई पार्टी के तौर पर अखिल भारतीय जनसंघ को 1952 के आम संसदीय चुनाव में 2 सीटें ही मिलीं। अनेक राजनीतिक कारणों से जनता पार्टी में विलय, फिर जनसंघ की पहचान के साथ अंततः 6 अप्रैल 1980 को 'भारतीय जनता पार्टी' ने साकार रूप लिया। प्रारंभिक चार साल के संघर्ष के बाद 1984 के आम चुनाव में उसे भी मात्र 2 सीटें मिलीं। जनसंघ और भाजपा दोनों में यह एक अद्भुत समानता देखी जा सकती है कि पर्याप्त पहचान बना लेने के बावजूद दोनों का खाता 2 से ही खुला। स्मरण रहे कि डॉ. श्यामा प्रसा