पीएम मोदी 15 को आएंगे भोपाल

 


भोपाल जयहिंद न्यूज़. भोपाल में आगामी 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इसमें पीएम नरेंद्र मोदी शिरकत करेंगे. फिलहाल पीएम का कार्यक्रम लगभग तय हो गया है. इसके अनुसार वे करीब 3 घंटे भोपाल में रहेंगे. वहीं, अमर शहीद बिरसा मुंडा के जन्म जंयती पर जंबूरी मैदान में आयोजित इस जनजातीय महासम्मेलन आयोजन में प्रदेश भर के लगभग 2 लाख आदिवासियों को लाने की तैयारी है. इस दौरान पीएम मोदी वर्ल्ड क्लास हबीबगंज रेलवे स्टेशन का लोकार्पण कर देश को समर्पित करेंगे. ये जनजातीय गौरव दिवस का कार्यक्रम भोपाल के जंबूरी मैदान में होगा. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ करीब 2 लाख आदिवासियों के बैठने का इंतजाम किया जा रहा है. पीएम मोदी इसमें दोपहर 12 से 2 बजे तक कार्यक्रम में रहेंगे. यहां सेल्फ समूह के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी. वहीं, पीएम के आगमन से पहले गायक कैलाश खेर व चेन्नई पारंपरिक मांदल पर शिवमणि की प्रस्तुति भी होगी. मोदी यहां से दोपहर 2 बजे हबीबगंज स्टेशन रवाना हो जाएंगे. सोलर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ऊर्जा साक्षरता मिशन प्रारंभ करने जा रही है. इसका शुभारंभ पीएम मोदी करेंगे.

स्किल सेल मिशन का पायलेट कार्यक्रम का किया जाएगा शुभारंभ

बता दें कि पीएम मोदी राज्य स्किल सेल मिशन का पायलेट कार्यक्रम का शुभारंभ भी करेंगे. इस दौरान पहले मरीजों का ब्लड सैंपल लिया जाएगा. वहीं, स्किल सेल एक जेनेटिक बीमारी है. सामान्य रूप में हमारे शरीर में लाल रक्त कण प्लेट की तरह चपटे और गोल होते हैं. यह रक्त वाहिकाओं में आसानी से आवाजाही कर पाते हैं, लेकिन यदि जीन असामान्य हैं तो इसके कारण लाल रक्त कण प्लेट की तरह गोल न होकर अर्धचंद्राकार रूप में दिखाई देते हैं. इसके कारण से यह रक्त वाहिकाओं में ठीक तरह से आवागमन नहीं कर पाते हैं, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. इसके कारण मरीज को एनीमिया की समस्या होती है. ऐसे में आदिवासियों में यह रोग तेजी से पनप रहा है.

जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई जाएगी जयंती

गौरतलब है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान कार्यक्रम के दौरान सामुदायिक वनों के प्रबंधन के अधिकार ग्राम सभाओं को सौंपे जाने की घोषणा करेंगे. इसके साथ ही अनुसुचित जनजाति साहूकार एक्ट को लागू किया जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री आदिवासियों से जुड़ी कोई बड़ी योजना का ऐलान भी कर सकते हैं.

4 आदिवासी जातियों पर रहेगी नजर

सूत्रों के मुताबिक इस कार्यक्रम के आयोजन में आदिवासियों की गौंड, भील, कोल व सहरिया को अधिक संख्या में बुलाने का फैसला लिया गया है. ऐसे में आयोजन की प्रारंभिक तैयारी के मुताबिक आदिवासियों को 14 नवंबर को विदिशा, राससेन, सांची व सीहोर में ठहराया जाएगा. इन्हें 15 नंवबर को कार्यक्रम स्थल पर लाया जाएगा.

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